तुम बिन सबल नहीं कोई प्राणी। हैं जग जननी मेरी मात भवानी।। तुम बिन सबल नहीं कोई प्राणी। हैं जग जननी मेरी मात भवानी।।
माता तेरे अर्पण की, मेरी क्या बिसात। सब कुछ तेरा दिया है, जो भी मेरे पास।। माता तेरे अर्पण की, मेरी क्या बिसात। सब कुछ तेरा दिया है, जो भी मेरे पास।।
तेरा दर दूर नहीं, मन का मौजी मौन। हीय में झांक देखिए, देख बसा है कौन।। तेरा दर दूर नहीं, मन का मौजी मौन। हीय में झांक देखिए, देख बसा है कौन।।
ऊंची तेरी ओट पे, ममता रूप अपार। माता तेरी कृपा से, धन्य हुआ भरदार।।१।। ऊंची तेरी ओट पे, ममता रूप अपार। माता तेरी कृपा से, धन्य हुआ भरदार।।१।।
चरण छू लो उस कंजक के जो आई है तुम्हारे घर पर चरण छू लो उस कंजक के जो आई है तुम्हारे घर पर
हर शब्द को निशब्द कर दे ऐसी लड़ी थी, लगता है जैसे शत्रु रक्त की प्यास बड़ी थी। हर शब्द को निशब्द कर दे ऐसी लड़ी थी, लगता है जैसे शत्रु रक्त की प्यास बड़ी ...